भारत की यह पावन भूमि असंख्य सिद्धों, ऋषियों, योगियों और प्रबुद्ध प्राणियों के जीवन की साक्षी रही हैं। तमिलनाडु राज्य के कोयंबतूर जिले में स्थित वेलिंगिरि पर्वत इस गौरवपूर्ण परंपरा का एक अभिन्न अंग है।
यह ईशा योग केंद्र, ईशा-फाउन्डेशन के संरक्षण तले संस्थापित है, जो वेलिंगिरि पर्वतों की तराई में 150 एकड की हरी-भरी भूमि पर स्थित है। आंतरिक विकास के लिए बनाया गया यह शक्तिशाली स्थान विश्व के हरेक कोने से लोगों को आकर्षित करता है तथा योग के चार मुख्य मार्ग - ज्ञान, कर्म, क्रिया, और भक्ति को अर्पित करने में अपने आप में एक अनूठा स्थान है।
इस केंद्र में 64,000 वर्ग फुट में फैला एक घ्यान केंद्र - स्पंदा हॉल और उद्यान स्थित है, जो वास्तुशिल्प की दृष्टि से बहुत विशेष है; इसमें कार्यक्रम आयोजित करने संबंधी सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जहाँ विभिन्न समूहों की जरूरतों को ध्यान में रखकर कई आवासीय कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। योग केंद्र में ध्यानलिंग योग मंदिर है, जिसमें ऊर्जा का एक सशक्त और अनोखा रूप - ध्यानलिंग प्रतिष्ठित है, यह ध्यानलिंग 250,000 ईंटों के स्तंभहीन गुंबदनुमे ढाँचे के नीचे अपनी पूरी गरीमा में मौजूद है। इसके साथ-साथ इसमें तीर्थकुण्ड - एक पवित्र भूमिगत जल कुण्ड भी स्थित है। इस अनूठे ध्यान केंद्र पर हर हफ्ते हजारों लोग आंतरिक शांति और कल्याण की खोज में आते हैं।
योग केंद्र में ‘ईशा कायाकल्प (रिजूवनेशन) केंद्र’ और ‘ईशा होम स्कूल’ भी स्थित हैं। केंद्र परिसर में स्थित ‘वनप्रस्थ’ निवास-स्थान लोगों को अपने परिवार के साथ यहाँ आकर केंद्र की गतिविधियों में शामिल होने का अवसर प्रदान करता है।
केंद्र में विशाल आवासीय सुविधाएँ उपलब्ध है, जहाँ ब्रह्मचारियों, पूर्ण समर्पित स्वयंसेवकों, अतिथियों और दर्शनार्थियों का एक सक्रिय अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय रहता है, परिणाम स्वरूप यह केंद्र विभिन्न गतिविधियों से स्पंदित है तथा व्यक्ति के आंतरिक विकास के लिए एक उत्तम वातावरण प्रदान करता है।