एक मनुष्य के लिए उसके जीवन के सभी प्रयासों में से सबसे पावन प्रयास, खुद को एक उच्चतर संभावना में रूपांतरित करना है। यही वो प्रयास है, जो मनुष्य होने के उद्देश्य को पूरा करता है तथा यही वो प्रयास है जो सभी के जीवन में कुशलता लाता है। ईशा फाउन्डेशन का मूल उद्देश्य मनुष्य के अंदर की इस स्वाभाविक खोज को प्रेरित, प्रोत्साहित और पोषित करना है तथा व्यक्ति को अपनी परम क्षमता को पहचानने में उसकी सहायता करना है।
1992 में सद्गुरू जग्गी वासुदेव द्वारा स्थापित, ईशा फाउंडेशन, मानव क्षमता के विकास के लिए पूर्ण समर्पित, एक स्वयंसेवी, अंर्तराष्ट्रीय लाभ-रहित संस्था है। यह फाउंडेशन एक मानव सेवी संस्था है, जो हर व्यक्ति के अंदर दूसरों को सशक्त करने की संभावना को स्वीकार करता है - व्यक्तिगत रूपांतरण और प्रेरणा के माध्यम से एक सार्वभौमिक संप्रदाय बहाल कर रहा है।
फाउंडेशन की गतिविधियों में सबसे प्रमुख - विशेष रूप से तैयार की गयी योग विधियाँ हैं, जिन्हें ईशा योग कहा जाता है। अधिक से अधिक शारीरिक, मानसिक, व भावनात्मक सुख-शांति के लिए ईशा योग, आधुनिक व्यक्ति को प्राचीन, सशक्त योगिक विधियों का सारतत्व अर्पित करता है। पूर्ण सुख-शांति का यह आधार अंदरूनी विकास की प्रकिया को तीव्र करता है तथा व्यक्ति को अपने आंतरिक स्पंदित जीवन के खजाने से लाभ उठाने में उसकी सहायता करता है। सद्गुरू द्वारा अर्पित किए गए प्राथमिक कार्यक्रम, ईशा योग प्रोग्राम में, शामभवी महा मुद्रा से परिचित कराया जाता है - जो गहरे आंतरिक रूपांतरण की एक सरल लेकिन शक्तिशाली क्रिया है।
ईशा फाउंडेशन दुनिया भर में फैले 150 से भी अधिक शहरी केंद्रों से कार्य करता है; यह 250,000 से भी अधिक स्वयंसेवकों के योगदान द्वारा चलाया जाता है। फाउंडेशन का मुख्यालय ईशा योग केंद्र में है, जो दक्षिण भारत में वेलिंगिरि पर्वत की तलहटी के हरे-भरे वर्षा वन में स्थित है, तथा अमेरीका में, मध्य टेनेसी में शानदार कंबरलैंड पठार में स्थित ईशा इंस्टिट्यूट ऑफ इनर साइंस में है।
व्यक्तिगत विकास में मदद करने, मानवीय चेतना जागृत करने, समुदायों को पुनःस्थापित करने और पर्यावरण सुधार के लिए ईशा फाउंडेशन बडे पैमाने की मानव सेवी योजनाओं पर भी अमल करता है। इसमें शामिल हैं :
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ग्रामीण नवजीवन कार्यक्रम ( www.ruralrejuvenation.org ), एक ग्रामीण पुनरुत्थान कार्यक्रम है, जो निःशुल्क चिकित्सा सेवा प्रदान करने के साथ-साथ समुदायों को पुनः स्थापित कर रहा है, इससे दक्षिण भारत के ग्रामीण इलाके में 2,500 से अधिक असहाय गाँवों में मानव उत्थान का कार्य हो रहा है।
- प्रोजेक्ट ग्रीन हैंड्स( www.projectgreenhands.org)प्रोजेक्ट ग्रीन हैंड्स, पर्यावरण-क्षरण को रोकने तथा पर्यावरण को स्वच्छ बनाने की दिशा में कार्य करता है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य तमिल नाडु राज्य में ११ करोड ४० लाख पेड लगाना है जिससे राज्य के 33 प्रतिशत क्षेत्रफल को हरे आवरण से ढका जा सके। प्रोजेक्ट ग्रीन हैंड्स ने सिर्फ तीन दिनों में 2,56,289 लोगों द्वारा 852,587 पौधों को लगाकर ‘गिनिज वर्ल्ड रिकॉर्ड‘ बनाया है। ईशा फाउंडेशन को 2008 के इंदिरा गाँधी पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- ईशा विद्या( www.ishavidhya.org), ) ईशा विद्या अंग्रेजी माध्यम व कंप्यूटर आधारित शिक्षा के क्षेत्र में एक विशेष पहल है। इसके अंतर्गत वर्ष 2014 तक दक्षिण भारत के ग्रामीण इलाकों में 206 विद्यालयों की स्थापना की जाएगी।
इस फाउन्डेशन का सक्रिय एवं समर्पित स्वयंसेवी संगठन तथा इसकी विभिन्न गतिविधियाँ मानव सशक्तिकरण और समुदाय के पुनरुत्थान के लिए विश्व के सामने एक सफल आदर्श के रूप में प्रस्तुत हैं।

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