"ईशा का अर्थ है: वह जो सृष्टि का स्रोत है। क्रिया का अर्थ है ‘उस स्रोत की ओर किया जाने वाला आन्तरिक काम’। ईशा क्रिया एक साधारण पर शक्तिशाली विधि है, जो हमें असत्य से सत्य की ओर ले जाती है।"
- सद्गुरु
सुख शांति की तकनीक
वीडियो देखें: ईशा क्रिया एक परिचय
ईशा क्रिया क्या है?
आज कल अधिकतर लोगों के लिए योग शब्द का अर्थ शरीर को असंभव तरीकों से तोड़ना मरोड़ना हो गया है। योग का शारीरिक पक्ष इस बहुआयामी विज्ञान का केवल एक पहलू है। योग अपनी शारीरिक और मनसिक क्षमताओं को शिखर पर पहुंचाने की तकनीक है, जिससे हम जीवन को संपूर्णता में जीने के काबिल बनाते हैं।
सद्गुरु एक सिद्ध योगी और गुरु हैं। उनका यह सपना है कि वह हर व्यक्ति को आध्यात्मिकता की एक बूँद प्रदान कर सकें। आध्यात्मिक विकास की संभावनाएं जो पहले केवल योगियों और संयासियों के लिए ही थी अब ईशा क्रिया के द्वारा सभी लोगों को उनके घर की सुख सुविधा में बैठे प्राप्त हो सकती है।
योग विज्ञान के शाश्वत ज्ञान का हिस्सा है ईशा क्रिया। सद्गुरु ने ईशा क्रिया को एक सरल और शक्तिशाली विधि के रूप में पेश किया है। ईशा का अर्थ है, " वह जो सृष्टि का स्रोत है" और क्रिया का अर्थ है, "आंतरिक कार्य।" ईशा क्रिया का उद्ददेश्य मनुष्य को उसके अस्तित्व के स्रोत से संपर्क बनाने में सहायता करना है, जिससे वह अपना जीवन अपनी इच्छा और सोच के अनुसार बना सके। ईशा क्रिया के दैनिक एवं नियमित अभ्यास से जीवन में स्वास्थ, कुशलता, शांति और उत्साह बना रहता है। यह आज के भाग दौर वाले जीवन के साथ तालमेल बिठाने के लिए एक प्रभावशाली साधन है।
ईशा क्रिया सरल व नि:शुल्क है। इसका आसानी से अभ्यास किया जा सकता है।विडियो में बताई गई विधि के साथ यह ध्यान सीखा जा सकता है और इसे डाउनलोड किया जा सकता है। जो लोग चंद मिनट का समय निकालने को तैयार हैं उन सभी का जीवन रूपांतरित करने की इसमें शक्ति है।
एक योगी, कवि, दिव्यदर्शी और मानवतावादी, सद्गुरु अनूठे किस्म के आध्यात्मिक गुरु हैं। हर व्यक्ति अपने अंदर बसे शांति और उल्लास को अनुभव करे, इसी कोशिश में उनका जीवन समर्पित है। सद्गुरु का यह सपना है कि हर व्यक्ति अध्यात्मिकता का कम से कम एक बूँद ग्रहण करे और अपना जीवन रूपांतरित करके अपने भाग्य का स्वामी खुद बने।
"मेरी सहायता करने के लिए सद्गुरु का धन्यवाद। मैंने पिछली जुलाई में इनर इंजीनियरिंग कोर्स किया और बहुत शांति का अनुभव किया। लेकिन दिसंबर में घुटना बदलने की सर्जरी के बाद अपने शरीर और मन को संभालना बहुत कठिन हो गया था। ईशा क्रिया को सीख कर अभ्यास करने से मुझे वोह शांति पुनः प्राप्त हो गयी है।" ֠गिल जोन्स, अमेरिका
"मैंने बस ईशा क्रिया का ध्यान करना शुरू किया और मुझे आश्चर्य हुआ कि सद्गुरु के साथ ये ध्यान करना कितना प्रभावशाली रहा, वह भी आनलाइन विडियो के माध्यम से। मैं वास्तव में आन्तरिक शान्ति, संतुलन और विरक्ति अनुभव करने लगी हूँ।"
֠ओल्गा अविला, हालेंड